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भगवान दादा के पास था कभी 25 कमरों वाला आशियाना, लेकिन चॉल में ही ली आखिरी सांस।

भगवान दादा के पास था कभी 25 कमरों वाला आशियाना, लेकिन चॉल में ही ली आखिरी सांस।

बॉलीवुड के शुरुआती दिनों में इन्हे खड़ा करने में कई लोगों ने योगदान दिया, जिन्हें बाद के एक्टर्स ने भी फॉलो किया। ऐसा ही एक नाम है भगवान दादा। फिल्म इंडस्ट्री के पहले डांसिंग और एक्शन स्टार भगवान दादा को फिल्म इंडस्ट्री का भगवान कहा गया। एक अगस्त 1913 को जन्मे भगवान दादा का पूरा नाम भगवान आभाजी पालव था। भगवान दादा ने शुरुआती दिनों में मजदूरी कर के गुजारा किया था। बाद में फिल्मों के शौक के कारण वह एक्टर बने। उनके डांस के स्टाइल को आज तक कॉपी किया जाता है। भगवान दादा ने मूक सिनेमा के दौर में फिल्म क्रिमिनल से डेब्यू किया। उनकी पहली बोलती फिल्म थी साल 1934 में आई हिम्मत-ए-मर्दा। इस फिल्म में उनके साथ ललिता पवार नजर आई थीं। भगवान दादा ने एक के बाद एक कई हिट फिल्में की। कहा जाता है कि उन्हें शेवरले कारों का शौक था और उनके पास लेटेस्ट डिजाइन की 7 कारें थीं। वह हर रोज सेट पर नई कार से जाते थे। वह हॉलीवुड एक्टर डगलस फेयरबैंक्स के फैन थे। वह बिना किसी बॉडी डबल के अपने स्टंट खुद किया करते थे, जिसकी वजह से उनके स्टंट काफी असली लगते थे। राज कपूर उन्हें इंडियन डगलस कहते थे। भागवान दादा लाजवाब डांसर भी थे। उनके डांस स्टेप्स को अमिताभ बच्चन, गोविंदा और मिथुन भी फॉलो करते थे। फिल्मों में काम करते करते उन्होंने मेकिंग भी सीखी। 1931 से लेकर 1996 तक यानी करीब 65 साल तक उन्होंने एक्टर, डायरेक्टर और कॉमेडियन के रोल में काम किया।

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