उतराखंड में व्यापारियों ने दंगो की दी उग्र आंदोलन की चेतावनी, जीएसटी के कारण गुस्से में व्यापारी
उत्तराखंड में चल रही जीएसटी विभाग की छापेमारी को लेकर व्यापारी लामबंद हो गए हैं। प्रदेशभर में व्यापारी रोजाना प्रदर्शन कर सरकार को चेता रहे हैं। दून उद्योग व्यापार मंडल ने बैठक कर चेतावनी दी कि इसके विरोध में प्रदेशभर में उग्र आंदोलन किया जाएगा। अगर छापेमारी बंद नहीं हुई तो प्रदेश बंद का आह्वान किया जाएगा। आरोप लगाया कि एक व्यापारी के गलत होने पर सभी को परेशान किया जा रहा है।
प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के चेयरमैन एवं दून उद्योग व्यापार मंडल के संरक्षक अनिल गोयल ने कहा कि जीएसटी अधिकारी पहले व्यापारियों के साथ बैठक करें। व्यापारियों की समस्याओं को समझें ताकि सभी स्थिति से अवगत हो सकें। दून उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष विपिन नागलिया ने कहा कि जब प्रदेश बना तो टैक्स की कुल राशि 500-600 करोड़ थी, लेकिन अब व्यापारियों की मेहनत से 6000-7000 करोड़ हो गई है। यह राशि लगातार बढ़ रही है और लगभग 8000 करोड़ तक पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि इस छोटे से पहाड़ी प्रदेश में छोटे-छोटे व्यापारी हैं, लेकिन इतना राजस्व का संग्रह होने के बाद भी सरकार संतुष्ट नहीं है।
दून उद्योग व्यापार मंडल के कार्यकारी अध्यक्ष सिद्धार्थ उमेश अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में ज्यादातर माल दूसरे प्रदेशों से आयात किया जाता है। उस माल पर केंद्र सरकार का टैक्स आईजीएसटी लगता है। यह केंद्र के खाते में जाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेेश में जानबूझकर व्यापारियों को परेशान किया जा रहा है। महासचिव सुनील मैसोन ने कहा कि केंद्र सरकार जो क्षतिपूर्ति राज्य को देती थी, उसे बंद किया जा रहा है। इसलिए सरकार लगातार व्यापारियों पर दबाव बना रही है। बैठक में निर्णय लिया गया कि इस संबंध में वित्तमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल से वार्ता की जाएगी। इसके बाद भी अगर कोई समाधान नहीं निकला तो प्रदेशभर में उग्र आंदोलन किया जाएगा।