भगवान परशुराम के द्वारा बनाए गए यह शिव मंदिर आज भी स्थापित है।
हिंदू धर्म में भगवान परशुराम तप और क्रोध के लिए जाने जाते है। महाविष्णु के 6वें अवतार परशुराम ऋषि जमदग्नि और रेणुका के पुत्र थे। परशुराम भगवान शिवजी के परम भक्त थे। उन्होंने महादेव के 108 मंदिरों की स्थापना की थी। परशुराम का क्रोध बहुत खतरनाक था। उन्होंने हैहय वंश के राजा सहस्त्रबाहु समेत अन्य क्षत्रियों की हत्या कर डाली। हिंदू मान्यताओं के अनुसार सहस्त्रबाहु की हत्या के बाद परशुराम ने गोकर्ण से लेकर कन्याकुमारी तक जमीन का बड़ा हिस्सा तैयार किया था। इस भूमि पर भगवान परशुराम ने भोलेनाथ के 108 मंदिरों की स्थापना की थी।
शंकर जी का पवित्र महीना सावन चल रहा है। ऐसे में हम आपको शिवजी और उनके मंदिरों से जुड़ी कहानियों के बारे में बता रहे हैं। मान्यता है कि परशुराम ने जिन मंदिरों की स्थापना की थी, उनका जिक्र शिवालय स्तोत्रम में है। परशुराम ने जिन गोकर्ण और कन्याकुमारी के बीच मंदिरों की स्थापना की थी वो जगहें आज भी हैं। पौराणिक कथा के अनुसार परशुराम ने केरल की पूरी भूमि समुद्र से मांगी थी। इसके लिए उन्होंने अपना फरसा दान दिया था। इस जमीन को परशुराम ने 64 गांवों में विभक्त किया था। इनमें 32 गांव आज के पेरुमपूझा और गोकरणम के बीच मौजूद हैं। परशुराम ने इन गांवों को ब्राह्मणों को दान में दिया था। धार्मिक ग्रंथों के मुताबित जमीनें ब्राह्मणों को देने के बाद इन गांवों में 108 महाशिव लिंग और दुर्गा प्रतिमा स्थापित की गई। मलयालम भाषा में लिखे गए शिवाला स्तोत्रम में इन मंदिरों का जिक्र है। इन 108 मंदिनों में से 105 अब केरल राज्य में स्थित है। वहीं 2 कर्नाटक और एक तमिलनाडु के कन्याकुमार में है।