इस समय चल रहे कोरोना वायरस से शहर बंद होने की स्थिति में है. दिहाड़ी मज़दूरी कर जीने वाले लोगों के भोजन की व्यवस्था करनी चाहिए. बहुत से रेहड़ी पटरी वाले खोमचे वालों की बिक्री बंद सी हो गई है. डॉ. मैथ्यू का सुझाव है कि आप सभी लोगों से अपील करें कि अपने घर में दो रोटी अलग से बना लें और एक कटोरी सब्ज़ी. इसे रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के ज़रिए जमा करें. वॉलेंटियर बनाए जो लोगों को उनकी जगह पर जाकर रोटी और सब्ज़ी दें. अगर लाइन लगेगी तो फिर उसका कोई मतलब नहीं रह जाएगा. किसी को खाने के लिए लाइन न लगानी पड़े और इतनी बड़ी संख्या में लोगों को खिलाने के लिए रसोई न बनानी पड़े इसलिए आप दो रोटी एक कटोरी का अभियान चलाएं. लोग खुशी-खुशी इसे कर देंगे. अपने गेट पर छोड़ आएंगे. वहां से वॉलेंटियर उठा कर ज़रूरतमंद को पहुंचा देंगे. आप डॉक्टर मैथ्यू के बारे में जानते ही होंगे या आपके स्वास्थ्य मंत्रालय के कई लोगों को पता ही होगा.
दो रोटी एक कटोरी का एक मॉडल बन सकता है. अगर इसके वितरण का मॉडल बन गया तो एम्स जैसे अस्पताल के बाहर भी लोगों को खाने के लिए लाइन में नहीं लगानी होगी. जिनकी मज़दूरी चली गई है उनके खाने का इंतज़ाम आराम से हो जाएगा. नाश्ता और सुबह शाम का भोजन भी. छोटे-छोटे वैन के ज़रिए दो रोटी-एक कटोरी जमा कर सदर बाज़ार के इलाके में सभी मज़दूरों को खाना दिया जा सकता है.
दूसरा दिल्ली के सभी अस्पतालों में कितने वेंटिलेटर हैं इसका एक सेंट्रल डाटाबेस बने. यह डाटा लाइव कर दें ताकि लोग जान सकें कि हमारे शहर में कितने वेंटिलेटर हैं. कहां से मंगाया जा सकता है और कहां से नहीं. वेंटिेलेटर की ज़रूरत बहुत ज़्यादा होगी.