हरदोई
जिले के बिलग्राम तहसील में आपको बताते चले की वाहनों पर रोक लगाने की शासन के तमाम कवायद के बाद भी ओवरलोड वाहनों का संचालन बेधड़क हो रहा है। चाहे वह मालवाहक हो या फिर सवारी वाहन से लेकर कृषि कार्य के लिए अधिकृत वाहन हो सभी पर ओवरलोडिंग की जा रही है। बावजूद इसके न तो परिवहन विभाग सक्रिय दिख रहा है। क्योंकि एआरटीओ दयाशंकर सिंह को उनसे मोटी रकम मिलती हैं।ओवरलोड वाहन आए दिन हादसे का पर्याय बनते हैं। इसके बाद भी कस्बे में ओवरलाडिंग पर कोई अंकुश नहीं लग पा रहा है। डग्गामार वाहन जहां दिन भर सड़कों पर क्षमता से अधिक यात्रियों को बैठाकर फर्राटा भर रहे हैं।वहीं पिकप, डीसीएम व ट्रक आदि वाहन भी ओवरलाडिंग कर सड़कों पर आवागमन करते देखे जा सकते हैं।यातायात सुरक्षा को लेकर परिवहन विभाग तक की ओर से लोगों को सड़क सुरक्षा का पाठ पढ़ाया जाता है। विभाग की टीमें समय समय पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कर लोगों को तेज गति से वाहन न चलाने व क्षमता से अधिक भार लेकर न चलने की हिदायत देते हैं। लेकिन जिस तरह से ओवरलाडिंग कर वाहन जिले की सड़कों पर दौड़ रहे हैं उससे साफ पता चलता है कि विभाग पूरी तरह से सक्रिय नहीं है।
कि कोई भी भार वाहक वाहन में क्षमता से अधिक भार नहीं लादा जाय। वाहन में ढाले के बरामर ही मानक अनुरूप लादा जाए। लेकिन यह नियम इस जिले में धराशायी है। चालक पिकप, ट्रक व डीसीएम में तिरपाल लगाकार चाहे भूसी या फिर भूसा आदि ढाले से करीब एक से दो फिट ऊंचाई तक लादते हैं और सरेआम सड़कों पर फर्राटा भरते हैं।एआरटीओ दयाशंकर सिंह के रहमो करम से ओवरलोड करके ये वाहन धड़ल्ले से सड़कों पर आवागमन करते है और इन पर कोई रोक नहीं लगाई जाती। ढाले से ऊपर लादने के बाद कभी भी वाहन के असंतुलित होने की संभावना रहती है इससे बड़ा हादसा भी हो सकता है। जिसकी चपेट में खुद वाहन चालक व अन्य लोग आ सकते हैं। इन सब के बावजूद भी न तो पुलिस और न ही परिवहन विभाग इस पर अंकुश लगा पा रहा है।
इस संबंध मे जब आरटीओ से शिकायत की गई तो उन्होंने पहले तो शिकायतकर्ता को कार्यालय में बुलाया जाता हैं।क्योंकि उनके पास एक सोची समझी साजिश होती हैं कि शिकायतकर्ता यदि नही मानता है तो उसको सरकारी काम मे बाधा उत्पन्न करने का मुकदमा पंजीकृत कराया जा सकता हैं।जब कई लोगों ने आरटीओ से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि वाहन पर न तो ओवरलोड सवारी बैठाना है और न ही ओवरलोड माल लादना है। यदि कोई वाहन संचालक ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए चेकिंग अभियान चलाया जाएगा। अब देखना है कि खबर प्रकाशित होने के बाद रोक लगेगी या एआरटीओ दयाशंकर सिंह की मेहरवानी से चलते रहेंगे।