गणेश चतुर्थी हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक मानी जाती है। कोई भी शुभ कार्य करने से पहले गणेश जी का नाम लेने मात्र से ही वह कार्य सफल माना जाता है। मान्यताओं के मुताबिक, पूरे विधि विधान के साथ गणेश जी की मूर्ति स्थापित करने से उनकी कृपा और अधिक प्राप्त होती है। घर में धन-धान्य की कभी कमी नहीं होती। अगर आप भी अपने घर में गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करना चाहते हैं लेकिन पूजा की सही विधि को लेकर ज्ञान नहीं है, तो हम आपकी ये परेशानी दूर कर देते हैं। इन निम्नलिखित तरीको को अपनाकर अगर आप सच्चे मन से भगवान गणेश की पूजा करेंगे, तो आप पर भी विघ्नहर्ता खुले मन से कृपा बरसाएंगे:-
- सबसे पहले स्नान कर लें और नए/साफ कपड़े धारण करें।
- इसके बाद पूजा की चौकी पर जल छिड़क कर उसे साफ कर लें और उस पर लाल कपड़ा बिछाएं।
- अब अक्षत डालकर गणेश जी की मूर्ति स्थापित करे।
- भगवान श्री गणेश का गंगा जल से अभिषेक करें।
- अभिषेक करने के बाद एक एक कर दूर्वा, अक्षत, फूल, माला, तिलक इत्यादि अर्पित करें।
- गणेश जी की मूर्ति के पास धूप-दिया जलाकर रख दें।
- फिर गणेश जी का पसंदीदा मोदक या लडूड का भोग में लगाएं।
- पूजा करने के लिए आप गणेश जी के मंत्रों का उच्चारण भी कर सकते हैं।
- अब अंत में उनकी आरती करें और प्रसाद का वितरण करें।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान शिव और मां पार्वती के छोटे बेटे गणेश का जन्म हुआ था। भगवान शिव से गणेश जी को वरदान मिला कि उनकी अराधना के बाद ही किसी अन्य भगवान की पूजा होगी, इसलिए गणेश जी का पूजन सबसे पहले किया जाता है।