नई दिल्ली: मिसाइल तकनीक नियंत्रण व्यवस्था का सदस्य बनने के बाद भारत महाभारत के Sudarshan-Chakra-Missile जैसी मिसाइल बनाने पर काम करेगा। इसके लिए तैयारी कर ली गई है। आपको बता दे कि ब्रह्मोस एरोस्पेस के सीईओ और एमडी सुधीर कुमार मिश्रा ने कहा, कि भारत और दुनिया के पास अभी तक ऐसी मिसाइलें हैं, जो लक्ष्य पर प्रहार कर वहीं समाप्त हो जाती हैं, लेकिन भारत ठीक वैसी मिसाइल बनाना चाहता है, जैसे Sudarshan-Chakra-Missile दुश्मन पर वार कर वापस लौट आता था। यानी भारत लक्ष्य भेद कर लौटने वाली मिसाइल पर काम करने की तैयारी कर रहा है। सुधीर कुमार मिश्रा ने बताया कि भारत अपनी क्षमता के दम पर ही ब्रह्मोस की गति और मारक क्षमता में इजाफा करने में भी सक्षम है। अभी ब्रह्मोस की मारक क्षमता 300 किमी है और स्पीड 2.08 मैक। एक मैक का अर्थ होता है ध्वनि के बराबर की गति। ताजा योजना के अनुसार मिसाइल की गति 5 मैक तक करने की योजना है और इस पर अगले दो से तीन साल में काम पूरा होने की उम्मीद है। सुधीर मिश्रा ने बताया कि मिसाइल 10 मीटर तक नीचे आ सकती है और इतनी देर में दुश्मन टारगेट का मुस्तैद रहना तो दूर अंतिम प्रार्थना करने का भी वक्त नहीं मिलता। मिश्रा ने इस बेहतरीन मिसाइल को तैयार करने का श्रेय डा. एपीजे अब्दुल कलाम को दिया।