15 अगस्त से देखने को मिलेगा काशी विश्वनाथ का नया रंग-रूप।
15 अगस्त से देखने को मिलेगा काशी विश्वनाथ का नया रंग-रूप।
गंगधार से गंगाधर के बीच 50 हजार वर्गमीटर में फैले राजराजेश्वर के नव्य, भव्य, दिव्य काशी विश्वनाथ धाम में 15 अगस्त के बाद मशीनों की आवाज थम जाएंगी। काशी विश्वनाथ धाम के दूसरे चरण का काम अंतिम दौर में हैं। यहां बनी दुकानों के आवंटन के साथ ही भवनों के सदुपयोग के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू करा दी गई है। दूसरे चरण का काम पूरा होने के बाद दुनियाभर से आने वाले श्रद्धालु गंगा दर्शन के साथ ही वहां पूरी खरीदारी का लुत्फ भी उठा सकेंगे।
श्रद्धालुओ को मिलेंगी अब सभी सुविधाएं
गेटवे ऑफ गंगा के निर्माण के बाद काशी विश्वनाथ धाम के दूसरे चरण में प्रस्तावित घाट किनारे के काम को पूरा करने की तैयारी है। मंदिर प्रशासन का दावा है कि 15 अगस्त के बाद मंदिर परिसर में निर्माण के लिए लगी मशीनों को हटा लिया जाएगा। इसके बाद श्रद्धालुओं की सहूलियत के लिए प्रस्तावित सभी सुविधाएं यहां शुरू कर दी जाएंगी।
नही होगा अब मशीनों का इस्तेमाल
मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने कहा कि दूसरे चरण का काम लगभग पूरा कर लिया गया है। 15 अगस्त तक धाम में काम पूरा कराकर निर्माण से जुड़े व्यक्ति व मशीनें वहां नहीं दिखाई देंगी। धाम में बने भवनों के उपयोग के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू करा दी गई है। दूसरे चरण में जलासेन घाट और ललिता घाट से रैंप का निर्माण, गंगा व्यूईंग गैलरी सहित घाट पर अन्य काम किया गया है। जलासेन घाट और ललिता घाट को जोड़कर काशीपुराधिपति के प्रवेश द्वार से लेकर भक्तों की सुविधा के लिए दूसरे चरण के अन्य काम के लिए 60 करोड़ रुपये अतिरिक्त बजट भी खर्च किया गया है।