आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली में डगमगाती हुई नजर आ रही है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी के कुल 62 विधायक है जिसमे से बैठक में अब तक 40+ पहुंच चुके है। पर सवाल ये है कि ये विधायक दल की परेड क्यों, क्या आम आदमी पार्टी में कोई दरार पड़ गयी है?
आज केजरीवाल ने 11 बजे दिल्ली मुख्यमंत्री आवास में विधायक दल की बैठक बुलाई है जिसमे अब तक 40 से ज्यादा विधायक पहुंच चुके है। लेकिन खबर ये भी मिल रही है कि कुछ विधायक केजरीवाल सरकार से नाराज़ है और वो बीजेपी के साथ संपर्क में है। इसका प्रमुख कारण सिसोदिया का नाम शराब नीति घोटाले में आने से हुआ है क्योंकि सीबीआई ने अब तक कि जांच में सिसोदिया का नाम बुरी तरह फंसा हुआ है। तो वही दूसरी तरफ केजरीवाल किसी की सुनने को तैयार नही है। विधायकों ने केजरीवाल से संपर्क किया लेकिन कोई उचित जवाब न मिलने से इसवक्त हालात पार्टी के कुछ सही नही लग रहे है। ऐसे में अंदरूनी कलह की बात कितनी सच्च है और कितनी झूठ ये तो वक़्त ही बताएगा।
आपको ये भी बता दे कि इससे पहले सिसोदिया ने बीजेपी सरकार पर ये आरोप लगाया था कि तुम आम आदमी पार्टी तोड़कर “भगवा पार्टी” में शामिल हो जाओ तो तुमपे लगे सारे इल्ज़ाम मिट जाएंगे। ऐसे में बीजेपी अलाकमान भी हरकत में आई और केजरीवाल को जवाब देने से बिलकुल नही चुकी। बीजेपी की तरफ से ये बयान जारी हुआ कि सिसोदिया अपने ऊपर लगे इल्ज़ाम से जनता का ध्यान भटका रहे है।
आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह ने भी आरोप लगाया है और आम आदमी पार्टी के पूर्व विधायकों ने भी ये कहकर सियासी माहौल गर्म कर दिया है कि बीजेपी ने उनके नेताओं को 20 करोड़ रुपये का ऑफर दे खरीदने की कोशिश की है। फिलहाल दिल्ली में आरोपों के तीर दोनों पार्टियों की तरफ से लगातार चल रहे है और इससे जनता को बिल्कुल भी फायदा नही मिल रहा है।