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आत्मसम्मान के लिए जान देने वाली रानी पद्मावती के इतिहास के बारे में जानिए

आत्मसम्मान के लिए जान देने वाली रानी पद्मावती के इतिहास के बारे में जानिए

Rani-Padmavati : आज कल इतिहास के लोगों पर फिल्में बनाने का चलन हो गया है. ऐसे में आने वाले दिनों में Rani-Padmavati पर फिल्म आने वाली है जो कि शूटिंग के समय से ही विवादित है. जानिए पद्मावती के बारे में कुछ बातें जानिए रानी पद्मावती के जौहर का इतिहास

1. फिल्‍म निर्माता संजय लीला भंसाली रानी पद्मावती के जीवन पर आधारित एक फिल्‍म बना रहे हैं जो काफी विवादित हो रही है.

2. रानी पद्मावती की कहानी साल 1540 में मुगलकाल के प्रख्यात कवि मलिक मोहम्मद जायसी द्वारा लिखे गये महाकाव्‍य में कही गयी है.

3. रानी पद्मावती चित्‍तौड़ के राजा रावल रतन सिंह की रानी थीं जो अपने सौन्दर्य के लिए बहुत प्रसिद्ध थीं.

4. रानी पद्मावती से राजा रावल रतन सिंह ने स्‍वंयवर प्रतियोगिता जीतकर शादी की थी.

5. पुराने समय में स्‍वंयवर एक प्रतियोगिता होती थी जो कन्‍या पक्ष के द्वारा आयेाजित की जाती थी. इसे जीतने वाला ही कन्या से विवाह योग्य माना जाता था.

6. रानी पद्मावती के पिता का नाम गंधार्व्सेना और माता का नाम चम्पावती था.

7. रानी पद्मावती के पास एक बोलने वाला तोता था जिसका नाम हीरामणि था.

8. राजा रावल रतन सिंह बहुत ही बहादुर राजा थे उनके दरबार में एक राघव चेतन नामक संगीतकार था जो एक जादूगर भी था.

9. किसी कारणवश राजा रावल रतन सिंह ने उसे देश से निकाल दिया और वह अपने अपमान का बदला लेने के लिए दिल्ली के सुल्‍तान अलाउद्दीन खिलजी से जाकर मिल गया.

10. उसने राजा रावल रतन सिंह की रानी की सुन्‍दरता के बारे में अलाउद्दीन खिलजी को बताया तो अलाउद्दीन खिलजी के मन में रानी को देखने की इच्‍छा जाहिर हुई.

11. उसने राजा रावल रतन सिंह को संदेश भिजवाया कि वह रानी पद्मावती को देखना चाहता है लेकिन रानी ने मना कर दिया.

12. कुछ दिन बाद राजा के कहने पर रानी तैयार हो गई लेकिन रानी ने एक शर्त रखी कि वह सुल्‍तान को अपना चेहरा दर्पण में दिखायेंगी अलाउद्दीन खिलजी तैयार हो गया.

13. जब अलाउद्दीन खिलजी ने रानी का चेहरा देखा तो उसने रानी को अपना बनाने की ठान ली.

14.अलाउद्दीन खिलजी ने राजा रावल रतन सिंह को बंदी बना लिया और यह शर्त रखी कि अगर तुम्‍हें अपना राजा चाहिए तो रानी पद्मावती को मुझे सौंपना पडे़गा.

15. राजा की सेना ने ये स्‍वीकार नहीं किया और अलाउद्दीन खिलजी से युद्ध किया.

16. जब राजा रावल रतन सिंह की सेना हारने लगी तब रानी पद्मावती अपने और अपनी प्रजा की महिलाओं की रक्षा के लिए महिलाओं को साथ लेकर आग में कूद गई थीं जिसे राजपूतों में जौहर भी कहा जाता है. जौहर-आत्मसम्मान की एक प्रथा जौहर एक ऐसी क्रिया थी जिसमें राज्‍य की हार होने पर स्त्रियां अपनी इच्‍छा से आग के एक बड़े से कुण्‍ड में कूदकर अपनी जान दे देती थीं.

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