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बरी हुए लालू प्रसाद यादव, सीबीआइ छापों के बीच मिली बड़ी राहत

बिहार में राजद के कई नेताओं के ठिकानों पर सीबीआइ और अन्‍य केंद्रीय एजेंसियों के छापे के बीच लालू प्रसाद यादव को एक बड़ी राहत मिली है। भारी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद बुधवार को आदर्श चुनाव आचार संहिता के मामले में हाजीपुर कोर्ट में पेश हुए थे। पेशी के दौरान लालू ने खुद को बिलकुल निर्दोष बताया। साक्ष्य के अभाव कोर्ट ने लालू को बरी करने का आदेश जारी किया है। लालू प्रसाद के कोर्ट में पेशी के दौरान भारी संख्या में राजद के नेता एवं कार्यकर्ता मौजूद थे।

लालू प्रसाद कोर्ट से निकलने के बाद सीधे पटना के लिए रवाना हुए। मीडिया की ओर से सवाल पूछने पर उन्होंने कुछ भी बोलने से परहेज किया। इस दौरान कोर्ट परिसर के बाहर समर्थकों ने लालू राबड़ी जिंदाबाद के नारे लगाए। कोर्ट परिसर में सैकड़ों की संख्या में लालू समर्थक मौजूद थे। गौरतलब यह है कि अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम स्मिता राज ने राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को गंगाब्रिज थाना में दर्ज एक आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामले में बुधवार 27 अप्रैल को आरोप गठित किया था। इस मामले में जिला व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता श्याम बाबू राय ने उनका बंध पत्र भी उसी दिन कोर्ट में जमा किया था। दंडाधिकारी प्रथम स्मिता राज ने लालू के वकील की ओर से दायर बंध पत्र को स्वीकार कर लिया था।

बता दें कि विधानसभा चुनाव 2015 में राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के विरुद्ध चुनावी सभा में जातीय शब्द का प्रयोग किए जाने को लेकर गंगाब्रिज थाना में प्राथमिकी कराई गई थी। यह प्राथमिकी राघोपुर के सीओ निरंजन कुमार ने कराई थी। दर्ज प्राथमिकी में 27 सितंबर 2015 को गंगाब्रिज थाना क्षेत्र के तेरसिया गांव में विधानसभा चुनाव को लेकर आयोजित चुनावी सभा में जातीय शब्द का प्रयोग कर जातीय उन्माद फैलाने का आरोप लगाया गया था।

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