Site icon Dainik Times

32 लाख की खोज में थी पुलिस, फायरिंग से 20 मिनट पहले हवालात में बंद बदमाश की फोन पर कराई बात

32 लाख की खोज में थी पुलिस, फायरिंग से 20 मिनट पहले हवालात में बंद बदमाश की फोन पर कराई बात

बहरोड़ थाने में फायरिंग कर बदमाश को छुड़ाने की घटना में कुछ पुलिसकर्मियों की भूमिका भी कठघरे में है। बदमाशों के धावे से करीब 20 मिनट पहले हवालात में बंद विक्रम उर्फ पपला से किसी पुलिसकर्मी ने फोन पर बातचीत कराई थी। विक्रम अपने करीबी दोस्त जसराम गुर्जर की हत्या कराने वाले एक बदमाश को ठिकाने लगाने के लिए बहरोड़ आया था। जसराम की दो माह पहले गोली मारकर हत्या की गई थी। पूरी वारदात के तार इन दोनों घटनाक्रमों से जुड़े हैं। हालांकि पुलिस इस पर अभी कोई खुलासा नहीं कर रही है। भास्कर को मिली जानकारी के मुताबिक बदमाश विक्रम गुर्जर उर्फ पपला का हवालात में बंद करने से पहले थाना अधिकारी सुगन सिंह ने उससे चैंबर में पूछताछ की थी। इसके करीब 15 मिनट बाद एक सिपाही ने हवालात में बंद बदमाश काे माेबाइल देकर अज्ञात व्यक्ति से बात करवाई। करीब 20 मिनट बाद विक्रम की गैंग ने थाने पर धावा बोल दिया।

दोस्त की हत्या का बदला लेने आया

पुलिस सूत्रा ने बताया कि हरियाणा के महेंद्रगढ़ में कुख्यात बदमाश डाक्टर उर्फ कुलदीप की गैंग है। मोस्ट वांटेड विक्रम गुर्जर उर्फ पप्ला भी उसमें शामिल है। महेंद्रगढ़ काेर्ट में फायरिंग कर फरार होने के बाद विक्रम को जैनपुरवास में हिस्ट्रीशीटर जसराम गुर्जर ने शरण दी थी। इसी साल जुलाई में जसराम गुर्जर की गांव में ही गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसका षडयंत्र पहाड़ी निवासी विक्रम उर्फ लादेन नाम के बदमाश ने रचा था। पपला जसराम की हत्या का बदला लेने के लिए उसकी हत्या की फिराक में था। कई दिन से वह बहरोड़ आ-जा रहा था। आशंका है कि शुक्रवार तड़के भी इसके चलते हाइवे पर खड़ा था। यहां पुलिस के हत्थे चढ़ गया।

बदमाशों ने फायरिंग कर पिकअप लूटी, पुलिस को पता नहीं

बहरोड़ में बदमाशों ने पुलिस थाने में जिस तरह फायरिंग की, वह किसी आतंकी हमले से कम नहीं था, लेकिन इतना होने के 3 घंटे बाद भी पुलिस चौकन्नी नहीं हुई। बहरोड़ से भागने के बाद उन्होंने मुंडावर थाने के बाहर नाकाबंदी तोड़ी। अगले एक किमी के रास्ते में दो वाहन लूटे, तीन बार फायरिंग की और बड़े आराम से मुंडावर और पेहल कस्बे में होते हुए एक घंटे बाद तिनकीरूड़ी मार्ग तक पहुंच गए। यहां फार्म हाउस के पास लूटी हुई कार से उतरकर पैदल चले गए, लेकिन पुलिस उन्हें नहीं पकड़ पाई। हद तो ये हुई कि एक वाहन की लूटते समय तो पुलिस के वाहन उनके बगल से निकल गए। फायरिंग के बावजूद पुलिस को पता नहीं चला। ये दोनों घटनाएं मुंडावर में सोडावास रोड के एक ब्यूटी पार्लर और तिनकिरूड़ी में स्कूल के सीसीटीवी कैमरे में रिकार्ड हुई। बहरोड़ से बदमाशों के भागने की सूचना पर मुंडावर थाना के बाहर भी नाकाबंदी की गई थी। करीब सवा नौ बजे बदमाश इसे तोड़ते हुए तेजी से भागे, लेकिन सोडावास रोड़ पर सुबह 9.23 बजे एलआईसी और होंडा कंपनी के शोरूम के पास दुर्घटनाग्रस्त हुई। यह घटना यहां एक ब्यूटी पार्लर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकार्ड हुई। हादसे के बाद बदमाश तत्काल कार से उतरे। फायर करके पीछे आ रही एक पिकअप को रुकवा चालक को नीचे उतार दिया। ठीक इसी वक्त उनका पीछा कर रही पुलिस की जीप पिकअप के बगल से तेज रफ्तार से निकली। बदमाशों ने खतरा जान उस पर फायर भी किया, लेकिन पुलिसकर्मियों ने गाड़ी नहीं रोकी बल्कि चले गए।

रात 10 बजे डीजी बहरोड़ थाने पहुंचे, बोले-घटना दुर्भाग्यपूर्ण

रात 10 बजे पुलिस महानिदेशक भूपेंद्र सिंह बहरोड़ थाने पहुंचे और यहां पुलिस अधिकारियों से घटनाक्रम पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि थाने में फायरिंग कर बदमाश को छुड़ा ले जाने की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। सुनिश्चित करेंगे कि एेसा दुबारा ना हो। उन्होंने कहा कि बदमाशों की हरियाणा नंबर की काली स्विफ्ट कार पुलिस ने बरामद कर ली। कार का मालिक रेवाड़ी के इब्राहिमपुर निवासी पपला का जीजा है। पुलिस मामले में कुल 4 वाहन जब्त बरामद कर चुकी है। इनमें दो लूटे हुए थे।

ये रहा बदमाशों का रूट

ग्रामीणों और प्रत्यक्षदर्शियों से मिली जानकारी के अनुसार बदमाश सोडावास रोड़ के बाद श्योपुर चौराहा होते हुए पेहल से पतलिया-मौहमदपुर होते हुए तिनकीरूड़ी की ओर निकल गए। तिनकीरूड़ी चौराहे पर स्थित एक निजी स्कूल के पास उक्त गाडी को छोड़कर पैदल फरार हो गए। सूचना पर एटीएस एडीजी अनिल पालीवाल, जयपुर रेंज आईजी एस सेंगथीर, एसपी भिवाडी अमनदीपसिंह कपूर, एएसपी डॉ.तेजपाल सिंह मौके पर पहुंचे, लेकिन कवायद लकीर पीटने की रही।

घटना की जांच सीबीआई से कराई जाए : डॉ. किरोड़ी

घटना के बाद राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी मीणा बहरोड़ थाने पहुंचे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पिछले छह माह में कानून व्यवस्था बिगड़ी है। गृह मंत्री हाेने के नाते नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री गहलोत को इस्तीफा देना चाहिए। जब थाना सुरक्षित नहीं है तो जनता कैसे सुरक्षित मानें। अपराधियों ने कानून का अपहरण किया है। घटना की जांच सीबीआई या एसओजी से करवानी चाहिए। यह फिल्मी स्टाइल नहीं है, बल्कि आतंकवादी हमला है। पूरे थाने को सस्पेंड करना चाहिए। अपराधी जल्द नहीं पकड़े गए तो यहां धरना दिया जाएगा।

Exit mobile version