तालिबान के काबुल पर कब्जे का पूरा होने वाला है एक साल, महिलाओं ने उठाई आवाज क्युकी दशकों पीछे पहुंचा देश।
तालिबान के काबुल पर कब्जे को अब एक वर्ष पूरा होने वाला है। इस एक वर्ष के दौरान अफगानिस्तान वापस अपनी पुरानी जगह पर ही आकर खड़ा हो गया है। महिलओं पर लगातार तालिबान का शिंकजा कसता ही जा रहा है। लड़कियां पढ़ाई से दूर कर दी गई हैं। महिलाओं को फिर तालिबान के बनाए सख्त नियमों में रहने को मजबूर होना पड़ रहा है। अब जबकि तालिबान शासन को एक वर्ष पूरा होने को है तो काबुल की सड़कों पर महिलाओं ने तालिबान के विरोध में प्रदर्शन किया है।
वहीं दूसरी तरफ तालिबान ने विरोध प्रदर्शन करने वाली महिलाओं को तितर-बितर करने के लिए हवा में फायरिंग भी की और महिलाओं के साथ मार-पिटाई भी की है। बता दें कि पिछले वर्ष 15 अगस्त को ही तालिबान ने काबुल पर जीत हासिल की थी। इसके बाद से ही अफगानिस्तान में अफरा-तफरी का माहौल है। काबुल पर तालिबान की जीत के बाद अमेरिकी फौज यहां से वापस चली गई थी।
तालिबान के काबुल पर कब्जे के बाद जो दो दशकों में अफगानिस्तान ने पाया था वो फिर खो दिया है। महिलाओं की आजादी खत्म हो चुकी है। काबुल की सड़क पर शनिवार को तालिबान के विरोध में जो प्रदर्शन हुआ उसमें करीब 40 से अधिक महिलाओं ने हिस्सा लिया था। इन्होंने शिक्षा मंत्रालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया था। विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए तालिबान ने बल का प्रयोग किया और महिलाओं को डराने के लिए हवा में फायरिंग भी की। विरोध प्रदर्शन में शामिल महिलाओं के हाथों में जो बैनर थे उनमें 15 अगस्त 2021 के दिन को ब्लैक डे बताया गया था। इन महिलाओं की मांग थी कि उन्हें राजनीति समेत सभी जगहों पर पूरा हक दिया जाना चाहिए।