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इस किले में पायल के छमछम की आवाज सुनाई देती है और शाम ढलने के बाद किले में जाना मना है

इस किले में पायल के छमछम की आवाज सुनाई देती है और शाम ढलने के बाद किले में जाना मना है

Bhangarh Fort Story in Hindi : जब भी भूत प्रेत की बात आती है तो मन में कई तरह के सवाल उठते हैं। उन सवालों पर यकीन तब होने लगता है जब उनसे जुड़े कुछ नमूने हमें सचमुच में देखने को मिलते हैं। ऐसा ही एक सबूत मान सकते हैं राजस्थान के भानगढ़ के किले को जिसे सबसे हॉन्टेड यानी सबसे डरावना किला कहा जाता है। ये सिर्फ लोगों की सुनी सुनाई बातों पर नहीं बल्कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा भी माना गया है कि सूर्यास्त के बाद यहां जाना मना है। इस किले के रहस्य से कई वैज्ञानिकों औऱ न्यूज चैनल वालों ने इस गुत्थी को सुलझाने की कोशिश की है फिर भी इसके पूरे राज नहीं खुलते। आपको बताते हैं भानगढ़ किले की पूरी सच्चाई।

एक राजकुमारी थी रत्नावती Bhangarh Fort Story in Hindi

भानगढ़ का किला भगवान दास ने अपने बेटे माधव दास के लिए बनाया था। माधव दास की पुत्री राजकुमारी रत्नावती बहुत ही खूबसूरत थीं। कहा जाता है कि उसकी खूबसूरती के दूर दूर तक चर्चे थे। हर कोई राजकुमारी को पाने की चाहत रखता था। उसी भानगढ़ किले के पास ही सिंधिया नाम का एक तांत्रिक रहता था। वह तांत्रिक काला जादू करता था। एक दिन राजकुमारी रत्नावती अपनी दासियो के साथ राजकुमारी जोहरी बाजार में इत्र लाने के लिए गईं। सिधिंया की नजर राजकुमारी रत्नावती पर पड़ी और वह उसे देखता ही रह गया। राजकुमारी की खूबसूरती ने सिधियां को मोहित कर दिया। वह काला जादू जानता था इसलिए मोहपाश में बांधने के लिए उसने काले जादू का सहारा लिया। जो इत्र राजकुमारी को पसंद आया था उसे तांत्रिक ने इत्र की बोतल में काला जादू कर दिया। इस बात की खबर किसी व्यक्ति को लग गई और राजकुमारी को इस जाल से बचाने के लिए उसने ये बात जाकर राजकुमारी को बता दी।

एक श्राप से तहस नहस हो गया ये किला Bhangarh Fort Story in Hindi

राजकुमारी को इस छल का पता चला तो उसने शीशी को महल के बाहर फेंक दिया। शीशी एक चट्टान के ऊपर जाकर गिरी और चट्टान पर सारी इत्र गिर गई। काला जादू होने के कारण तांत्रिक की ओर वो चट्टान आकर्षित होने लगा और उसके सीने पर आ गया।मरते मरते तांत्रिक ने भानगढ़ किले को श्राप दे दिया की अब इस किले मे कोई भी खुश नहीं रह पाएगा। उसका श्राप लग गया औऱ कुछ समय के अंदर ही लोगों की मौत होने लगी। राजकुमारी रत्नादेवी भी इस श्राप के कारण मर गईं। लोगों का मानना है कि आज भी वो तांत्रिक की आत्मा रत्नादेवी को पाना चाहती है। लोगों क राजकुमारी रत्ना देवी के पैरों की पायल की आवाज भी सुनाई देती है। कई बार लोगों को ऐसा महसूस हुआ है जैसे कमरे में कोई उनका गला दबा रहा हो। इस तरह के और भी दिलचस्प और डरा देने वाले वाकये इस किले में हुए हैं। वैज्ञानिकों ने इसे भूत प्रेत मानने से इनकार किया है, लेकिन उन्होंने माना है कि इस किले मे बहुत ही निगेटिव एनर्जी है और सबसे ज्यादा निगेटिव एनर्जी राजकुमारी रत्नादेवी के कमरे मे पाई गई। लोगों के ना आने जाने से वहां एक घुटन सा माहौल महसूस होता है। हालांकि लोगों के मन में डर है। ये अपने अपने विश्वास पर है कि वहां क्या है, लेकिन फिर भी इससे दूर रहना ही बेहतर माना जाता है।

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