नीतीश सरकार में कानून मंत्री बनते ही क्यों विवादों में घिरे कार्तिक? जानिए सरकारी शिक्षक से लालू यादव के खास बनने तक का सफर
बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार के नए मंत्रिमंडल का गठन होते ही दागी मंत्रियों का मसला गर्म हुआ। सबसे बड़ा विवाद हुआ है बिहार सरकार के नए कानून मंत्री कार्तिक सिंह को लेकर। उन पर अपहरण के एक मामले में कोर्ट में सुनवाई चल रही है। कोर्ट ने उनके खिलाफ वारंट भी जारी किया था। हालांकि, बाद में उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी गई। शपथ ग्रहण के 24 घंटे के भीतर ही विवाद में घिरे कानून मंत्री कार्तिक कुमार पहले मध्य विद्यालय, लदमा में शिक्षक थे।
कार्तिक सिंह उर्फ मास्टर कार्तिक उर्फ कार्तिक कुमार मोकामा के निवर्तमान विधायक जेल में बंद अनंत कुमार सिंह के भरोसेमंद रहे हैं। लदमा मध्य विद्यालय में शिक्षक के रूप में पदस्थापन के कारण अनंत सिंह से उनकी नजदीकी बढ़ी थी। शिक्षक पद से स्वैच्छिक सेवा निवृत होकर अनंत सिंह के साथ राजनीति में आ गए। शिक्षक रहे कार्तिक कुमार को लोग मास्टर साहब के नाम से जानते हैं। लदमा अनंत सिंह का गांव है। वहां नौकरी करने के दौरान कार्तिक कुमार, अनंत सिंह के नजदीक आए।
राजद ने पटना स्थानीय प्राधिकार क्षेत्र से 2022 में विधान परिषद सदस्य पद के लिए टिकट दिया था। चुनाव जीतने के बाद नई सरकार में राजद कोटे से कानून मंत्री बनाए गए। कानून मंत्री मूल रूप से मोकामा प्रखंड के सिवनार गांव के निवासी हैं। मोकामा स्थित रुद्रावती हाई स्कूल से सन् 1980 में मैट्रिक की परीक्षा पास की। 1985 में आरआरएस कालेज मोकामा से स्नातक कला की डिग्री हासिल की। सिवनार गांव में खेती, व्यापार और समाज सेवा से जुड़े रहे। पत्नी भी कृषि और व्यापार से अच्छी आमदनी करती हैं।