बिहार की नई बनी महागठबंधन सरकार के कानून मंत्री कार्तिक सिंह के विवाद के बाद अब मिस्टर क्लीन की छवि वाले भारतीय जनता पार्टी नेता व पूर्व उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन भी गंभीर आरोपों में घिर गए हैं। उनकी मुश्किलें अब और भी बढ़ती दिख रही है। दिल्ली हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ दुष्कर्म की एफआइआर दर्ज करने का आदेश दिया है। इस मामले में कोर्ट ने पुलिस की कार्यशैली पर भी कई सवाल खड़े किए हैं। इस बीच शाहनवाज हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। उन्होंने आरोप को निराधार बताया है।
बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन पर दिल्ली की एक महिला ने दुष्कर्म का आरोप लगाया है। घटना लगभग चार साल पुरानी है। महिला ने आरोप लगाया है कि 12 अप्रैल 2018 को छतरपुर के एक फार्म हाउस में नशीला पदार्थ खिलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया गया था। हाईकोर्ट की जस्टिस आशा मेनन की पीठ ने इस मामले में कार्रवाई का आदेश दिया है। बताया जा रहा है कि दिल्ली की साकेत कोर्ट ने सात जुलाई 2018 को इस मामले में दुष्कर्म की प्राथमिकी का आदेश दिया था।
निचली अदालतों के आदेश के खिलाफ शाहनवाज हुसैन ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की। तब 13 जुलाई 2018 को प्राथमिकी के आदेश पर अंतरिक रोक लगा दी गई थी। शाहनवाज हुसैन की दलील थी कि दिल्ली पुलिस की जांच में आरोप निराधार पाए गए थे। अब न्यायमूर्ति आशा मेनन की पीठ ने एफआइआर का आदेश दे दिया है। साथ ही पुलिस के रवैये पर भी सवाल खड़े किए हैं। कोर्ट ने आदेश दिया है कि तत्काल एफआइआर कर तीन महीने के अंदर इसकी रिपोर्ट एमएम (Metropolitan Magistrate) के समक्ष दाखिल की जाए। इस बीच हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ शाहनवाज हुसैन सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। उन्होंने इस मामले में लगाए गए आरोप को गलत बताया है।