त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग 24 अप्रैल तक बंद, सुल्ताना ने दिए शावकों को जन्म..
त्रिनेत्र गणेश मंदिर से लौटते समय 7 वर्षीय कार्तिक सुमन पर बाघ का जानलेवा हमला. इसके बाद

Trinetra Ganesh Temple : राजस्थान के सवाई माधोपुर रणथंभौर किले में स्थित, त्रिनेत्र गणेश मंदिर(Trinetra Ganesh Temple) राजस्थान में भगवान गणेश का प्रसिद्ध और सबसे पुराना मंदिर है, जिसमें उनका पूरा परिवार एक साथ एक ही स्थान पर विराजमान है। यह (Trinetra Ganesh Temple)मंदिर सवाई माधोपुर से लगभग 12 किलोमीटर दूर है और रणथंभौर किले में अच्छी तरह से स्थापित है। सदियों से यह सबसे लोकप्रिय धार्मिक पर्यटक आकर्षणों में से एक रहा है। हिंदू पौराणिक कथाओं में भगवान गणेश को मनोकामना पूर्ति का देवता कहा जाता है। वे धन, भाग्य, बुद्धि और शिक्षा के देवता भी हैं। हर साल हजारों भक्त भगवान गणेश का दिव्य आशीर्वाद पाने के लिए पत्र और शादी के निमंत्रण भेजते हैं
रणथंभौर नेशनल पार्क के बीच रणथंभौर दुर्ग में स्थित प्रसिद्ध त्रिनेत्र गणेश मंदिर आम श्रद्धालुओं के लिए अब 24 अप्रैल तक बंद रहेगा। वन विभाग ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मंदिर तक जाने वाले मार्ग को अस्थायी रूप से बंद करने का निर्णय लिया है।(Trinetra Ganesh Temple)
आपको बता दे कि यह निर्णय 16 अप्रैल को हुए दुखद हादसे के बाद लिया गया है, जिसमें त्रिनेत्र गणेश मंदिर से दर्शन कर लौट रहे 7 वर्षीय मासूम कार्तिक सुमन पर एक बाघ ने हमला कर दिया था। इस हमले में मासूम की दर्दनाक मौत हो गई थी। इस घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया।
हादसे के तुरंत बाद रणथंभौर के फील्ड डायरेक्टर अनूप के.आर. ने एहतियातन 5 दिनों के लिए मंदिर मार्ग को श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया था। अब चूंकि उस अवधि की समय सीमा पूरी हो चुकी है, लेकिन क्षेत्र में अभी भी बाघों की सक्रियता बनी हुई है, ऐसे में एक बार फिर से 24 अप्रैल तक के लिए मार्ग को बंद रखने का निर्णय लिया गया है।

टी-107 सुल्ताना रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान
रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान की एक बहुत ही युवा और साहसी बाघिन। वह धूप-चौक और रायपुर जोन नंबर 1 में घूमती है। उसका जन्म जुलाई और अगस्त 2016 के आसपास हुआ होगा। वह टी-39 की बेटी है।
रणथंभौर वन प्रशासन के अनुसार त्रिनेत्र गणेश मार्ग के आसपास बाघ टी-107 सुल्ताना ने मिश्र दर्रा क्षेत्र के पास एक गुफा में शावकों को जन्म दिया है। इस कारण उस क्षेत्र में सुल्ताना का मूवमेंट लगातार बना हुआ है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए वन विभाग ने फिर से नया आदेश जारी कर श्रद्धालुओं की आवाजाही पर रोक लगाई है।