Business

RBI Repo Rate: RBI का ऐलान… रेपो रेट में नहीं की कटौती, कम नहीं होगी आपके Loan की EMI…

आरबीआई ने Repo Rate में नो-चेंज 5.5 फीसदी पर ही रहेगी बरकरार, आपकी EMI नहीं होगी कम

RBI Repo Rate: आरबीआई ने रेपो रेट में कोई कटौती नहीं की है। इससे पहले लगातार 3 बार आरबीआई ने रेपो रेट घटाई थी। इस बार रेपो रेट को 5.5 फीसदी पर ही बरकरार रखा गया है। इसका मतलब है कि जिन लोगों ने लोन ले रखा है, उनकी EMI भी नहीं घटेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि आमतौर पर आरबीआई के रेपो रेट घटाने पर ही बैंक लोन दरों में कटौती करते हैं जिससे EMI भी कम हो जाती है।

आपको बता दें कि रेपो रेट वो दर होती है, जिस पर RBI कमर्शियल बैंकों को लोन देता है। ये लोन छोटी अवधि के लिए होते हैं। RBI ने नीतिगत रुख ‘तटस्थ’  रखा है।

महंगाई दर 4 फीसदी के आस-पास स्थिर
आरबीआई गवर्नर ने अपने संबोधन में कहा कि कोर मुद्रास्फीति 4% के आसपास स्थिर है, जबकि ग्रामीण उपभोग अस्थिर है। वित्त वर्ष 26 के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) मुद्रास्फीति (खुदरा महंगाई) 3.1% रहने का अनुमान है, जबकि वित्त वर्ष 27 के लिए खुदरा महंगाई 4.9% रहने का अनुमान है।

जीडीपी ग्रोथ के लिए क्या है अनुमान
आरबीआई गवर्नर ने बताया कि चालू वर्ष के लिए 6.5% वास्तविक जीडीपी ग्रोथ का अनुमान है, जबकि अगले वित्त वर्ष के लिए वास्तविक जीडीपी ग्रोथ 6.6% रहने का अनुमान है।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि भू-राजनीतिक अनिश्चितताएं कम हो गई हैं, लेकिन टैरिफ से वैश्विक व्यापार पर दबाव बना हुआ है।

Q1: 6.5%

Q2: 6.7%

Q3: 6.6%

Q4: 6.3%

मर्चेंडाइज ट्रेड डेफिसिट और बढ़ा
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने आरबीआई एमपीसी बैठक के नतीजों की घोषणा करते हुए कहा, “पहली तिमाही में मर्चेंडाइज ट्रेड डेफिसिट और बढ़ गया है।” उन्होंने आगे कहा, “पिछली एमपीसी बैठक के बाद से सिस्टम लिक्विडिटी सरप्लस में रही है (औसतन लगभग 3 लाख करोड़ रुपये प्रतिदिन)। यह पिछले दो महीनों के दौरान 1.6 लाख करोड़ रुपये प्रतिदिन की औसत सिस्टम लिक्विडिटी के उलट है।” उन्होंने आगे कहा कि पिछली बैठक के बाद घोषित 100 सीआरआर (कैश रिजर्व रेशियो) में कटौती से लिक्विडिटी की स्थिति में और सुधार होगा।

बैंकों का पूंजी पर्याप्तता अनुपात कितना

शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंकों का पूंजी पर्याप्तता अनुपात (Capital Adequacy Ratio) वर्तमान में 17 प्रतिशत से अधिक है, जबकि उनका एनआईएम (Net Interest Margin) 3.5% है। लिक्विडिटी 132%, ग्रॉस एनपीए 2.2% है। बैंकिंग प्रणालियों के लिए क्रेडिट डिपॉजिट (सीडी) अनुपात 78.9% है।

बैंक क्रेडिट की ग्रोथ हुई सुस्त
बता दे कि आरबीआई गवर्नर ने कहा कि पिछले साल कुल बैंक क्रेडिट की ग्रोथ धीमी रही, लेकिन अर्थव्यवस्था में फाइनेंशियल रिसॉर्सेज का ओवरऑल फ्लो वित्त वर्ष 2023-24 के 33.9 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर पिछले साल 34.8 लाख करोड़ रुपये हो गया। उन्होंने आगे कहा कि यह रुझान चालू वित्त वर्ष 2025-26 में भी जारी रहेगा।

बैंकों की प्रॉफिटेबिलिटी में वृद्धि

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मनी मार्केट में ट्रांसमिशन तेजी से हुआ है, इसलिए बड़ी कंपनियां फंड जुटाने के लिए बॉन्ड जैसे बाजार आधारित इंस्ट्रूमेंट्स पर अधिक निर्भर हो रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बैंकों की प्रॉफिटेबिलिटी में वृद्धि हुई है।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

Related Articles

Back to top button