आचार्य चाणक्य की सीख जो कर सकती है आपकी सभी परेशानियां हल।
चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में करियर, दोस्ती, दाम्पत्य जीवन, धन-संपत्ति और स्त्री से जुड़ी कई बातों का उल्लेख किया है। उनकी नीतियों का एक अद्भुत संग्रह भी है, जो आज भी उतना ही प्रासंगिक है, जितना जब इसे लिखा गया था तब था।
- आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में बताया है कि सच्चा साथी वही होता है जो विपरीत परिस्थितियों में भी आपके साथ रहे. आचार्य के अनुसार नौकर को परखना हो तो तब परखें जब आपका बुरा समय आए। रिश्तेदारों को तब परखना चाहिए जब आप मुश्किलों से घिर गए हों।
- आचार्य ने कहा है कि अगर आप वाकई अपनी और अपने कुल की सफलता और नाम चाहते हैं, तो खुद भी शिक्षा लें और बच्चों को भी शिक्षित बनाएं। शिक्षा व्यक्ति को शिष्टाचार सिखाती है। सही और गलत में भेद करना बताती हैं।
- आचार्य का कहना था कि हमेशा रहने का स्थान सोच समझकर चुनें। उस स्थान पर मकान खरीदें या बनवाएं जहां आपका सम्मान हो, नौकरी के साधन मौजूद हों, आपके मित्र आसपास रहते हों और अस्पताल व बच्चों की शिक्षा के लिए स्कूल आसपास हों। ऐसे स्थानों पर आप किसी भी मुश्किल स्थिति में आप आसानी से पार पा सकते हैं।
- जीवन की प्राथमिकता को लेकर आचार्य ने कहा है कि मनुष्य को धन की बचत करनी चाहिए क्योंकि जब अपने भी साथ छोड़ देते हैं, तब भी धन आपके काम आता है। लेकिन जब बात पत्नी की सुरक्षा की हो, तो धन का लालच छोड़कर पत्नी की रक्षा करनी चाहिए। जब बात आपके आत्मसम्मान की हो, तो धन और पत्नी समेत हर चीज त्यागने में भी संकोच नहीं करना चाहिए। जिस व्यक्ति का आत्मसम्मान खो जाता है, उसका जीवन जिंदा लाश की तरह होता है।
- दुष्ट पत्नी, झूठा मित्र, धूर्त सेवक और सर्प इन चार चीजों पर कभी दया न करें। ये आपके जीवन के लिए बहुत बड़ा खतरा बन सकती हैं।