केरल भाजपा के उपाध्यक्ष केएस राधाकृष्णन ने सोमवार को माकपा नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मार्क्सवादी राजनेता मंदिरों में आ रहे धन को लूट रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘आमतौर पर तो पूजा स्थलों के प्रति कम्युनिस्टों के रवैये में एक विडंबना है। सैद्धांतिक रूप से, कोई भी कम्युनिस्ट भगवान, मंदिरों, अनुष्ठानों आदि में विश्वास नहीं कर सकता, क्योंकि वे द्वंद्वात्मक और ऐतिहासिक भौतिकवाद में विश्वास करते हैं जिसमें ईश्वर से संबंधित कामो के लिए कोई स्थान नहीं है।’
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा, ‘केरल में, मार्क्सवादी नेता आत्म दल-बदल की कोशिश कर रहे हैं। वे खुद को धार्मिक आस्था के रक्षक के रूप में पेश करना चाहते हैं। लेकिन वह ऐसे कैसे हो सकते हैं? कोई भी सियार मुर्गियों की रक्षा करने में सक्षम नहीं है, मुर्गियों को गीदड़ों द्वारा संरक्षित नहीं किया जा सकता, इसलिए कम्युनिस्ट पूजा स्थलों की रक्षा नहीं कर सकते क्योंकि वे कभी भी भगवान में विश्वास नहीं करते।’
राधाकृष्णन का यह बयान सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश इंदु मल्होत्रा के एक पुराने वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद आया है, जिसमें उन्हें यह कहते हुए सुना गया है कि कम्युनिस्ट सरकारों ने हिंदू मंदिरों पर कब्जा कर लिया है। वह वीडियो में केरल के पद्मनाभ स्वामी मंदिर का जिक्र कर रहे थे।
इंदु मल्होत्रा को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि उन्होंने न्यायमूर्ति यूयू ललित के साथ मिलकर सरकार द्वारा मंदिर अधिग्रहण को रोक दिया था। उनके अनुसार, केरल में राज्य सरकार मंदिरों, विशेष रूप से हिंदू मंदिरों का, राजस्व के लिए अधिग्रहण करना चाहती थी।