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Kandariya Mahadev Temple का इतिहास, निर्माण, सरंचना एवं विशेषताएं

Kandariya Mahadev Temple : कंदरिया महादेव मंदिर खजुराहो ( Khujraho) समूह मंदिरों का सबसे बड़ा, सबसे ऊंचा और सबसे सुंदर हिंदू मंदिर है। यह मध्यकालीन 1050 ईसा पूर्व का है और इसे चंदेल शासक राजा धनदेव ( Raja Dhandev ) ने बनवाया था। मंदिर अलंकृत नक्काशी और मूर्तियों से अलंकृत है। इसका मुख्य शिखर (शिखर) कैलाश पर्वत को दर्शाता है और यह 31 मीटर की ऊंचाई के साथ खड़ा है। इस शिखर के चारों ओर अन्य 84 लघु स्पायर (उरुशृंग) हैं।

आपको बता दे कि यह मंदिर हिंदू भगवान शिव को समर्पित है, और इसके अभयारण्य के रूप में मारबेल से बना शिव लिंग है। इसकी सीमा में लगभग 646 मूर्तियाँ स्थापित हैं जो और भी आकर्षक लगती हैं। इस मंदिर का मुख पूर्व की ओर है। प्रवेश द्वार की सीढ़ी और पोर्च है जो एक ही पत्थर से छेनी हुई मालाओं से सजी है। अनुमान है कि कंदरिया महादेव में लगभग 870 मूर्तियां हैं, जिनमें से प्रत्येक की ऊंचाई एक मीटर है। अंदर भगवान विष्णु और ब्रह्मा के देवताओं के साथ एक त्रिशूल और सांप पकड़े हुए, भगवान शिव के देवता हैं। इस मंदिर की पूरी योजना लक्ष्मण और विश्वनाथ मंदिर के समान है; सभी कमरों में पूर्व से पश्चिम और दक्षिण और उत्तर की ओर बालकनी हैं।

कंदरिया महादेव मंदिर की सरंचना Structure of Kandariya Mahadev Temple :

यह विशाल मंदिर खजुराहो की वास्तुकला का एक आदर्श नमूना है। यह अपने बाह्य आकार में ८४ समरस आकृति के छोटे- छोटे अंग तथा श्रंग शिखरों में जोड़कर बनाया, अनूठे उच्च शिखर से युक्त हे। मंदिर अपने अलंकरण एवं विशेष लय के कारण दर्शनीय है। मंदिर भव्य आकृति और अनुपातिक सुडौलता, उत्कृष्ट शिल्पसज्जा और वास्तु रचना के कारण मध्य भारतीय वास्तुकृतियों में श्रेष्ठ माना जाता है। मुख्य मंडप, मंडप और महामंडप के साथ साथ इसका आधार-योजना, रुप, ऊँचाई, उठाव, अलंकरण तथा आकार शास्रीय पद्धति का उत्तम उदाहरण प्रस्तुत करता है।

इसकी विशिष्टता यह भी है कि इसकी ऊँचाई की ओर जाते हुए उत्थान श्रंग अत्यंत प्रभावशाली प्रतीत होता है। खजुराहो का यह एक मात्र मंदिर है, जिसकी जगती के दोनों पार्श्वों में और पीछे प्रक्षेपण है। इसकी जगती लगभग तीन मीटर ऊँची है। इसकी धराशिला ग्रेनाईट पत्थर की है तथा इस पर रेतीले पत्थर की खार-शिलाएँ बनी हुई हैं। मंदिर भित्ति कमल पुष्प की पत्तियों से सजे हैं तथा जालय, कुंभ और बाहर को निकली पट्टिकाएँ तमाल पत्रों से सजी हुई हैं। मंदिर ऊँचे अधिस्थान पर स्थापित है, जिसपर अनेक सुसज्जित मूर्तियाँ हैं।

लक्ष्मण मंदिर Lakshmana Temple :

खुजराहो में लक्ष्मण मंदिर भी मुख्य आकर्षण का केंद्र हैं। इस मंदिर की अपनी ही खाशियत है जो देखने लायक हैं। इस मंदिर का निर्माण पत्थरों से किया गया है। खजुराहो में यह एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है क्योंकि इसे भारत के सबसे पुराने पत्थर मंदिरों में गिना जाता है।

कन्दारिया महादेव मंदिर खुलने और बंद होने का समय Opening & Closing Time Of Kandariya Mahadev Temple :

अगर आप कन्दारिया महादेव मंदिर देखना चाहते हैं तो बता दें कि यह मंदिर पूरे साल और हर दिन खुला रहता है। लेकिन इस मंदिर के खुलने और बंद होने के एक निर्धारित समय हैं। कन्दारिया मंदिर सुबह 5 बजे से दोपहर 12 बजे तक खुला रहता है और शाम को यह मंदिर शाम को 4 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहता है।

कन्दारिया महादेव मंदिर का प्रवेश शुल्क Kandariya Mahadeva Temple Entry Fees :

कन्दारिया महादेव मंदिर में प्रवेश करने के लिए भारतीय पर्यटकों को 10 रूपये प्रवेश टिकट के लिए देने होंगे। वहीं दूसरे देशों से आने वाले लोगो को इस मंदिर के दर्शन के लिए 250 रूपये का टिकट लेना होगा। इस मंदिर परिसर में आप किसी भी तरह का कैमरा लेकर नहीं का सकते। 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाता है। ठहरने की व्यवस्था Where to Stay खजुराहो में बजट से लेकर लक्ज़री तक में ठहरने के लिए बहुत सारे स्थान हैं। कई मंदिरों के करीब स्थित हैं।

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