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IPL से भी बड़ा हो गया है DELHI SATTA बाजार, हर रोज करोड़ों रुपये लगते हैं दांव पर

Delhi Satta : आईपीएल टी-20 क्रिकेट से ज्यादा दिल्ली का सट्टा लोगों को बर्बाद कर रहा है। हर रोज करोड़ों रूपये दिल्ली सट्टा बाजार ( Delhi Satta Bajar ) में लगते हैं. शहर सहित गली-मोहल्लों में सैकड़ों खाइवाल खुलेआम बैठकर सट्टा पर्ची लिख रहे हैं। इनके पास रोजना हजारों लोग लाखों रुपए का मोटा दाव खेल रहे हैं। पुलिस सट्टे के खिलाफ कार्रवाई भी करती है, तो कुछ पुलिसकर्मियों का सटोरियों को संरक्षण भी प्राप्त है। इसी की बदौलत कुछ सटोरिये और खाइवाल राजधानी में बेखौफ होकर सट्टे का अवैध कारोबार चला रहे हैं।

दो दर्जन सटोरियों का पूरी दिल्ली में नेटवर्क

जानकारी के अनुसार राजधनी में करीब दो दर्जन बड़े सटोरिये हैं, जो यहां से बैठकर पूरे दिल्ली में सट्टे का नेटवर्क चला रहे हैं। इनके द्वारा शहर में जगह-जगह और हर कस्बे में अपने एजेंट बैठा रखे हैं, जो वहां सट्टा पर्ची लिखते हैं और फिर सौदा इन बड़े सटोरियों के पास उतारते हैं।

अलवर भी आ गया Delhi Satta बाजार की चपेट में

वैसे तो शहर सहित जिलेभर में सैकड़ों ठिकानों पर सट्टा बाजार चल रहा है। शहर के देहली दरवाजा, अखैपुरा लालखान, अशोका टाकीज के समीप, सब्जी मण्डी के पीछे, मण्डी मोड, खदाना मोहल्ला, दारुकुटा मोहल्ला, स्वर्ग रोड, शिवाजी पार्क, एनईबी, मूंगस्का, बख्तल, नयाबास, कालाकुआं आदि इलाकों खुलेआम में सट्टा लगवा रहे हैं। इसके अलावा जिले के मालाखेड़ा, राजगढ़, लक्ष्मणगढ़, खेरली, रामगढ़, नौगांवा, बड़ौदामेव, गोविंदगढ़, चिकानी, बहादुरपुर, किशनगढ़बास, तिजारा, टपूकड़ा आदि क्षेत्रों में भी बड़े स्तर सट्टा बाजार चल रहा है।

सटोरिया से बोगस ग्राहक बन की गई बातचीत

सटोरिया : हां भाई बोल। बोगस ग्राहक : नम्बर लगाना है। सटोरिया : नम्बर बोल। बोगस ग्राहक : 26 सटोरिया : सिंगल नम्बर लगाना है क्या, एक ही? बोगस ग्राहक : और 53 लगा दे। सटोरिया : कितना-कितना लगाऊं? बोगस ग्राहक : 20-20 रुपए का लगा दे। सटोरिया : (पर्ची पर नम्बर लिखकर देते हुए) 40 रुपए हो गए। बोगस ग्राहक : अब पता कैस लगेगा, नम्बर लगा कि नहीं? सटोरिया : (कूलर की तरफ इशारा करके) शाम 4 बजे यहां लिखा मिल जाएगा। पास में खड़ा ग्राहक : हे भगवान! आज तो लगवा दे।

गुंडा एक्ट में कार्रवाई

जिन सटोरियों के खिलाफ पूर्व में काफी प्रकरण हैं और उन्हें सजा भी हो चुकी है। ऐसे 20 सटोरियों को चिह्नित कर उनके खिलाफ गुंडा एक्ट में कार्रवाई की जा रही है। जिससे कि उन्हें कुछ समय के लिए जिला बदर किया जा सके। साथ ही सटोरियों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है।

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