Health

हार्ट बाईपास सर्जरी क्‍या है कैसे की जाती है जानें इसके खतरे और रिकवरी टाइम

हार्ट बाईपास सर्जरी (Heart Bypass Surgery) एक जटिल प्रक्रिया है, जिसमें जरूरी तैयारी और रिकवरी टाइम शामिल है। कभी-कभी, किसी को आपातकालीन हृदय बाईपास सर्जरी से गुजरना पड़ता है, लेकिन अधिकतर इसकी योजना बनाकर के की जाती है। चिकित्‍सकों, हार्ट के मरीजों और उनके परिजनों से आपने भी हार्ट बाईपास सर्जरी के बारे में सुना होगा, लेकिन हार्ट बाईपास सर्जरी होती क्‍या है, इसे कैसे की जाती है, क्‍या इससे रोगी की जान बचाई जा सकती है; ऐसे तमाम तरह के सवाल आपके मन में आते होंगे। हार्ट बाईपास सर्जरी क्या है और क्यों की जाती है, विस्तार से बताएं? ह्रदय को रक्त पहुंचाने वाली धमनियों में वसा जमा होने पर ब्लॉकेज आ जाती है। इस ब्लॉकेज को विभिन्‍न प्रकार के इलाज के जरिये हटाने की कोशिश होती है लेकिन यही ब्लॉकेज जब जमकर बहुत ठोस हो जाती है और कोई इलाज कारगर नहीं होता तो बाईपास सर्जरी को अक्सर अंतिम विकल्प के तौर पर देखा जाता है, जिसमें सीने के बीच की हड्डी में चीरा लगाया जाता है और उसके जरिये ह्रदय के लिए रास्ता बनाकर उस ब्लॉकेज को हटाने की कोशिश की जाती है।

यह भी पढ़ें : बस कर लें ये 4 आसान उपाय आपको कभी नहीं आएगा हार्ट अटैक

हार्ट बाईपास सर्जरी की पूरी प्रक्रिया क्या है (Procedure of heart bypass surgery) ह्रदय की धमनियों में आने वाली ब्लॉकेज की समस्या बहुत गंभीर होने पर अक्सर उसको ठीक करने का अंतिम विकल्प बाईपास सर्जरी को बताया जाता है। इसे करने में आमतौर पर 3 से 6 घंटे का समय लगता है। मरीज़ को सामान्य एनेस्थीसिया देकर सीने के बीच की हड्डी को चीरा लगा कर ह्रदय वाले भाग में सर्जरी की जाती है जिसके जरिये ब्लॉकेज ठीक की जाती है और ह्रदय में रक्तप्रवाह ठीक किया जाता है। सर्जरी की प्रक्रिया होने के बाद मरीज को आईसीयू में लगभग एक सप्‍ताह रखा जा सकता है और इस दौरान उसके रक्तचाप, हृदयगति आदि की निगरानी की जाती है, उसके बाद कुछ जरूरी सलाह देकर मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाती है। हृदय की बाईपास सर्जरी कितने प्रकार की होती है (Types of heart bypass surgery) मरीज की ब्लॉक्ड धमनियों की संख्या और स्थिति की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टर निम्नलिखित प्रकार में से किसी की सलाह दे सकता है सर्जरी से पहले पेशेंट को क्या करना चाहिए (What should people expect before the surgery) क्योंकि यह सर्जरी थोड़ी सी जोखिम भरी होती है इसलिए बाईपास होने से पहले मरीज को डॉक्टर कई तरह कि हिदायत देते हैं और जांच करते हैं जिसके तहत ईसीजी, रक्तचाप आदि चेक किया जाता है। ऐसे में शरीर को बहुत तनाव देने अस्वस्थ खान पान से दूरी रखनी चाहिए। बल्कि खानपान डॉक्टर की ही सलाह से होना चाहिए। इस दौरान मरीज को अस्पताल के कई बार आना पड़ सकता है क्योंकि डॉक्टर मरीज को अनुकूल परिस्थितियों के अनुसार सर्जरी के लिए तैयार करते हैं। हार्ट बाईपास सर्जरी कितनी कारगर है (Success rate of heart bypass surgery) बाईपास सर्जरी का कामयाब होना अलग-अलग केस पर निर्भर करता है। हालांकि, इस सर्जरी के अपने जोखिम हैं लेकिन यदि यही अंतिम विकल्प बताया गया है तो इसका चुनाव न करना जोखिम बढ़ाएगा। ऐसे में केवल डॉक्टर की सलाह अनुसार चलें। हार्ट बाईपास का रिकवरी टाइम क्या है (Recovery time of heart bypass surgery) बाईपास सर्जरी होने के बाद मरीज को रिकवर होने में लगभग 6 से 12 हफ्ते लग सकते हैं, इसके अलावा कुछ दवाएं दी जाती हैं, जो रक्‍त का थक्‍का बनने में मदद करती हैं। इन सब बातों के साथ जो सबसे जरूरी है वह है डॉक्‍टर की सलाह, जिसे मरीज को जरूर फॉलो करना चाहिए।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button